Saturday 19 September 2015

मस्तिष्क की दुर्बलता एवं धातु कमजोरी में घी बादाम योग::~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~

धातु दोर्बल्य या धातु की कमजोरी ऐसा रोग है जो अनेकों रोगों का कारण भी बन जाता है विना बल के शरीर रोगों का घर बन जाता है अतः धातु की कमजोरी को दूर करने का एक बहतरीन योग है ---

योग बनाने की सामिग्री ः

बादाम की मींग 50 नग 
चिरोंजी 10 ग्राम
गोला की गिरी 10 ग्राम
खरबूजे की मींग 10 ग्राम
पिश्ता 10 ग्राम
छोटी इलायची 10 ग्राम
दालचीनी 10 ग्राम
शतावर 15 ग्राम
असगंध 15 ग्राम
तालमखाना 15 ग्राम
केशर 01 ग्राम
गाय का घी 500 ग्राम

बनाने की विधि ः अब सारे मेवाओं व दवाओं को अलग अलग लेकर खूब बारीक बारीक खरल कर लें फिर घी को धीमी आग पर चढ़ा दे जब लालिमा सी आ जावे तो मेवाऐं व दवाए डालकर पका लें नीचे उतार कर इसमें बारीक पीस कर केशर व ज्यादा व जल्दी फायदे के लिए वंग भस्म 5 ग्राम डाल लें और छान कर रख लेंवें

मात्रा व सेवन विधि ः 5 से 10 ग्राम लेकर इस घी को मिश्री युक्त दूध से लेकर रात्रि शयन करते समय प्रयोग करें ।यह योग सभी प्रकार के यौन दोर्बल्य धातु क्षरण, आदि में शीघ्र लाभ कारी है तथा स्तम्भन शक्ति प्रदान करने बाला योग भी है।
जिन युवकों या काम सेवन के इच्छुक पुरुषों के लिंगोंत्थान में प्रोब्लम रहती है वे लिंग के अनुत्थान की अवस्था में ही लिंग पर 5-10 बूँद की मात्रा में इस घी की मलें तो कुछ समय में ही लिंगोंत्थान की समस्या या ध्वजभंग की समस्य़ा दूर हो जाती है।
इसका सबसे वढ़िया प्रयोग है मस्तिष्क की दुर्वलता में जब यह औषधि नही महाऔषधि का कार्य करता है।

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