Thursday 17 September 2015

कलोंजी का उपयोग ::
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कलोंजी प्याज के बीज नहीं होते है ,और ना ही कालीजीरी है ये |इसे संस्कृत में कृष्णजीरा, उर्दू में كلونجى कलौंजी, बांग्ला में कालाजीरो, मलयालम में करीम जीराकम, रूसी में चेरनुक्षा, तुर्की में çörek otu कोरेक ओतु, फारसी में शोनीज, अरबी में हब्बत-उल-सौदा, हब्बा-अल-बराकाحبه البركة, तमिल में करून जीरागम और तेलुगु में नल्ला जीरा कारा कहते हैं।
कलौंजी दुग्ध वर्धक और मूत्र वर्धक होती है. कलौंजी जुकाम ठीक करती है और कलौंजी का तेल गंजापन भी दूर करता है. कलौंजी के नियमित सेवन से पागल कुत्ते के काटे जाने पर भी लाभ होता है. लकवा, माइग्रेन, खांसी, बुखार, फेशियल पाल्सी के इलाज में यह फायदा पहुंचाती हैं. दूध के साथ लेने पर यह पीलिया में लाभदायक पाई गई है. यह बवासीर, पाइल्स, मोतिया बिंद की आरंभिक अवस्था, कान के दर्द व सफेद दाग में भी फायदेमंद है. कलौंजी को विभिन्न बीमारियों में इस प्रकार प्रयोग किया जाता है.
1-कैंसर - कैंसर के उपचार में कलौजी के तेल की आधी बड़ी चम्मच को एक ग्लास अंगूर के रस में मिलाकर दिन में तीन बार लें.
2-खांसी व दमा - छाती और पीठ पर कलौंजी के तेल की मालिश करें, तीन बड़ी चम्मच तेल रोज पीयें और पानी में तेल डाल कर उसकी भाप लें.
3-उदासी और सुस्ती - एक ग्लास संतरे के रस में एक बड़ी चम्मच तेल डाल कर 10 दिन तक सेवन करें.
4-याददाश्त और मानसिक चेतना - एक छोटी चम्मच तेल 100 ग्राम उबले हुए पुदीने के साथ सेवन करें.
5-डायबिटीज - एक कप कलौंजी के बीज, एक कप राई, आधा कप अनार के छिलके और आधा कप पितपाप्र को पीस कर चूर्ण बना लें. आधी छोटी चम्मच कलौंजी के तेल के साथ रोज नाश्ते के पहले एक महीने तक लें.
6-गुर्दे और पेशाब की थैली की पथरी - पाव भर कलौंजी को महीन पीस कर पाव भर शहद में अच्छी तरह मिला कर रख दें. इस मिश्रण की दो बड़ी चम्मच को एक कप गर्म पानी में एक छोटी चम्मच तेल के साथ अच्छी तरह मिला कर रोज नाश्ते के पहले पियें.
7-सुन्दर व आकर्षक चेहरे के लिए - एक बड़ी चम्मच कलौंजी के तेल को एक बड़ी चम्मच जैतून के तेल में मिला कर चेहरे पर मलें और एक घंटे बाद चेहरे को धोलें. कुछ ही दिनों में आपका चेहरा चमक उठेगा.
8-उल्टी और उबकाई - एक छोटी चम्मच कार्नेशन और एक बड़ी चम्मच तेल को उबले पुदीने के साथ दिन में तीन बार लें.
9-स्वस्थ और निरोग रहने के लिए - एक बड़ी चम्मच तेल को एक बड़ी चम्मच शहद के साथ रोज सुबह लें, आप तंदुरूस्त रहेंगे और कभी बीमार नहीं होंगे.
10-हृदय रोग, ब्लड प्रेशर और हृदय की धमनियों का अवरोध - जब भी कोई गर्म पेय लें, उसमें एक छोटी चम्मच तेल मिला कर लें, रोज सुबह लहसुन की दो कलियां नाश्ते के पहले लें और तीन दिन में एक बार पूरे शरीर पर तेल की मालिश करके आधा घंटा धूप का सेवन करें. यह उपचार एक महीने तक लें.
11-सफेद दाग और लेप्रसी - 15 दिन तक रोज पहले सेब का सिरका मलें, फिर कलौंजी का तेल मलें.
12-कमर दर्द और आर्थाइटिस - हल्का गर्म करके जहां दर्द हो वहां मालिश करें और एक बड़ी चम्मच तेल दिन में तीन बार लें. 15 दिन में बहुत आराम मिलेगा.
13-सिर दर्द - माथे और सिर के दोनों तरफ कनपटी के आस-पास कलौंजी का तेल लगायें और नाश्ते के पहले एक चम्मच तेल तीन बार लें कुछ सप्ताह बाद सर दर्द खत्म हो जायेगा.
14-अम्लता और आमाश्य शोथ - एक बड़ी चम्मच कलौंजी का तेल एक कप दूध में मिलाकर रोज पांच दिन तक सेवन करने से आमाश्य की सब तकलीफें दूर हो जाती है.
15-बाल झड़ना - बालों में नीबू का रस अच्छी तरह लगाये, 15 मिनट बाद बालों को शेम्पू कर लें व अच्छी तरह धोकर सुखा लें, सूखे बालों में कलौंजी का तेल लगायें एक सप्ताह के उपचार के बाद बालों का झड़ना बन्द हो जायेगा.
16-नेत्र रोग और कमजोर नजर - रोज सोने के पहले पलकों ओर ऑखो के आस-पास कलौजी का तेल लगायें और एक बड़ी चम्मच तेल को एक कप गाजर के रस के साथ एक महिने तक लें.
17-दस्त या पैचिश -एक बड़ी चम्मच कलौंजी के तेल को एक चम्मच दही के साथ दिन में तीन बार लें दस्त ठीक हो जायेगा.
18-रूसी - 10 ग्राम कलौंजी का तेल, 30 ग्राम जैतून का तेल और 30 ग्राम पिसी मेंहन्दी को मिला कर गर्म करें. ठंडा होने पर बालों में लगाएं और एक घंटे बाद बालों को धो कर शैम्पू कर लें.
19-मानसिक तनाव - एक चाय की प्याली में एक बड़ी चम्मच कलौंजी का तेल डाल कर लेने से मन शांत हो जाता है और तनाव के सारे लक्षण ठीक हो जाते हैं.
20-स्त्री गुप्त रोग - स्त्रियों के रोगों जैसे श्वेत प्रदर, रक्त प्रदर, प्रसवोपरांत दुर्बलता व रक्त स्त्राव आदि के लिए कलौंजी गुणकारी है. थोड़े से पुदीने की पत्तियों को दो ग्लास पानी में डाल कर उबालें, आधा चम्मच कलौंजी का तेल डाल कर दिन में दो बार पियें. बैंगन, आचार, अंडा और मछली से परहेज रखें.
21-पुरूष गुप्त रोग - स्वप्नदोष, स्थंभन दोष, पुरुषहीनता आदि रोगों में एक कप सेब के रस में आधी छोटी चम्मच तेल मिला कर दिन में दो बार 21 दिन तक पियें. थोड़ा सा तेल गुप्तांग पर रोज मलें. तेज मसालेदार चीजों से परहेज करें.

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