गर्भनिरोधक ::
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* आयुर्वेद पर यकीन रखते हैं तो इन उपायों का गर्भनिरोधक के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं। वैसे तो इनके साइड एफेक्ट नहीं है लेकिन इनका इस्तेमाल आप किसी अनुभवी आयुर्वेदिक डॉक्टर के परामर्श से करें तो प्राकृतिक और सुरक्षित तौर पर गर्भनिरोध और बेफिक्र सेक्स लाइफ आसान हो सकेगी।
* मासिक धर्म से
शुद्ध होने पर (पांचवें दिन से)चमेली की एक कली (चमेली का फूल,जो खिला न हो) पानी के साथ रोज लगातार तीन दिन तक निगलने से एक वर्ष तक गर्भनिरोधक का काम करेगा।
शुद्ध होने पर (पांचवें दिन से)चमेली की एक कली (चमेली का फूल,जो खिला न हो) पानी के साथ रोज लगातार तीन दिन तक निगलने से एक वर्ष तक गर्भनिरोधक का काम करेगा।
* मासिक धर्म के पश्चात स्नान करने के बाद एरंड के बीज की गिरी छीलकर खाने से गर्भ नहीं ठहरता है। एक गिरी निगलने पर एक वर्ष, दो गिरी निगलने पर दो वर्ष व तीन गिरी निगलने पर तीन वर्ष तक बच्चे पैदा नहीं होंगे। बच्चे पैदा करने की इच्छा हो तो गिरी खाना बंद कर दें। एक वर्ष बाद पुन: गर्भधारण करने की क्षमता उत्पन्न हो जाती है। किसी भी हाल में एक साथ तीन से अधिक गिरी न खाएं। यह नुकसानदायक हो सकता है।
* पीरियड के बाद लहसुन की दो कलियां छीलकर निगल जाएं तो गर्भ नहीं ठहरेगा।
* पीपल, सुहागा व बायबिडंग को बराबर-बराबर लेकर पीस लें। जिस दिन पीरियड आरंभ हो उस दिन से सात दिनों तक छह ग्राम चूर्ण पानी से खाएं, एक वर्ष तक गर्म नहीं ठहरेगा।
* तालीसपत्र व गेरू को 25 ग्राम लेकर चार दिनों तक ठंडे पानी से पीने से स्थाई बांझपन आ जाती है।
* सीताफल का बीज पीसकर योनी में मलने से गर्भ नहीं ठहरेगा और इससे गर्भाशय की सफाई भी हो जाती है ।
* पीरियड बंद होने के बाद एक कप तुलसी के पत्ते लेकर काढ़ा बनाएं और तीन दिन तक लगातार पीएं। इससे गर्भ भी नहीं ठहरेगा और कोई नुकसान भी नहीं होगा।
* हल्दी की गांठ पीसकर उसे छान ले। छह ग्राम पाउडर पानी के साथ खाएं। इसे पूरे पीरियड के दौरान खाएं तो गर्भ नहीं ठहरेगा।
* पीरियड के पांचवें दिन करेले का रस पीने से गर्भ नहीं ठहरता है।
* संभोग के दौरान नीम के तेल में रूई का फाहा भिंगोकर योनी में रखने से गर्भ ठहरने की संभावना नहीं रहती है।
* कैस्टर यानी अरंडी के बीज को फोड़ें और इनमें मौजूद सफेद बीज को निकालें। सेक्स के 72 घंटे के भीतर महिलाएं इसका सेवन करें तो यह आई-पिल की तरह ही गर्भधारण रोक सकता है। महिलाएं इसका सेवन पीरियड्स के तीन दिनों तक करें तो एक महीने तक इसका प्रभाव रहेगा।
* तिल के तेल में सेंधा नमक का टुकड़ा डुबोएं और सेक्स के बाद इसे महिलाएं अपने प्राइवेट पार्ट पर कम से कम दो मिनट तक रखें। इससे वीर्य गर्भाशय में पहुंचते ही नष्ट हो जाएगा। महिलाएं सेक्स के बाद प्राइवेट पार्ट को गुनगुने पानी और सेंधा नमक से भी साफ कर सकती हैं। इससे भी गर्भ नहीं ठहरेगा।
* मासिक धर्म से शुद्ध होने पर (पांचवें दिन से) चमेली की एक कली (चमेली का फूल, जो खिला न हो) पानी के साथ रोज
लगातार तीन दिन तक निगलने से एक वर्ष तक गर्भनिरोधक का काम करेगा।
लगातार तीन दिन तक निगलने से एक वर्ष तक गर्भनिरोधक का काम करेगा।
* सूखे पुदीने के पत्ते का पाउडर बनाएं और स्टोर कर लें। सेक्स के पांच मिनट के बाद एक ग्लास गुनगुने पानी के साथ एक चम्मच पाउडर का सेवन करें। महिलाओं के लिए यह नैचुरल कंट्रासेप्टिव दवा का काम करेगा।
* गुड़हल के फूल का पेस्ट बनाएं इसमें स्टार्च मिलाएं। पीरियड्स के शुरुआती तीन दिनों तक इसका सेवन कंट्रासेप्टिव की तरह ही काम करेगा। संभोग के समय प्याज का रस योनी में रखने पर शुक्राणु बेसर हो जाते हैं।
* संभोग के समय प्याज का रस योनी में रखने पर शुक्राणु बेसर हो जाते हैं।
* आंवला, रसनजनम और हरितकारी को समान मात्रा में लेकर इनका पाउडर बनाएं और स्टोर करें। ये औषधियां किसी भी आयुर्वेदिक स्टोर पर मिल जाएंगी। महिलाएं इनका सेवन पीरियड्स के चौथे दिन से 16वें दिन तक करें तो यह गर्भनिरोधक गोलियों की तरह ही असरदार होता है।
* यदि आप गर्भ निरोधक प्रयोग नहीं करना चाहते या गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन नहीं करना चाहते हों तो चावल धुले पानी में चावल के पौधे की जड़ पीसकर छान लें और इसमें शहद मिलाकर पिला दें। यह हानिरहित सुरक्षित गर्भनिरोधक उपाय है।
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