पसली दर्द निवारण ::```````````````````````
----उत्तम साबुन, कपूर और दालचीनी का तेल लेकर मलहम बनाएँ।पहले साबुन लेकर चाकू से बारीक-बारीक छिलके उतारें। इस प्रकार 50 ग्राम साबुन के छिलके उतारें और उन्हें खरल में डालकर आश्यकतानुसार दाल चीनी का तेल डालकर घुटाई करें। जैसे-जैसे द्रवत्व सूखे, वैसे-वैसे और तारपीन का तेल डालते हुए घुटाई करते रहें।
घोंटते-घोंटते साबुन का अंश दालचीनी के तेल में मिलकर मलहम जैसा बन जाना चाहिए अर्थात साबुन का विलय तेल में पूर्ण रूप से हो जाना चाहिए। इसके बाद 10 ग्राम कपूर डालकर पुनः घुटाई करें और फिर शीशी में भरकर रख लें।
न्यूमोनिया में होने वाले पसली के दर्द में इसे थोड़ा सा लगाकर अच्छी तरह सेंक करें। इससे कैसा भी दर्द हो, तुरंत बंद हो जाता है। इसके अतिरिक्त शरीर के किसी भी अंग में दर्द हो, इसे लगाकर मालिश करने से शीघ्र आराम मिलता है। साधारण दर्द हो तो केवल लगाकर मालिश कर धूप में बैठने से ही आराम मिलता है।
-----गोदंती 10 ग्राम, मेदा लकड़ी 10 ग्राम, और गाय का घी 30 ग्राम लें। पहले दो द्रव्यों को बारीक पीस लें। फिर इन्हें घी में मिलाकर थोड़ा गरम करके पसली पर लगाएँ। इससे पसली के दर्द से राहत मिलती है।
-----सिंगरफ 3 ग्राम, जायफल, लौंग, जावित्री, 6-6 ग्राम, मोम 12 ग्राम और देशी घी 60 ग्राम लें।
पहले सिंगरफ को खूब घोंटें, फिर लौंग, जावित्री, जायफल को महीन पीसकर रख लें। तत्पश्चात् घी गर्म करके उसमें मोम मिला दें। जब दोनों घुल जाएँ तब उतारकर उक्त पिसी हुई औषधियों को डालकर खूब मिला दें। ठंडा होने पर यह वैसलीन के समान मलहम बन जाता है।
बच्चों अथवा बड़ों को तीव्र पसली के दर्द में हल्का गर्म करके लगाने से तुरंत दर्द बंद हो जाता है।
---- चंद्रामृत रस 4 रत्ती, श्रृंग भस्म 1 1/2 रत्ती, नौसादर 1 1/2 रत्ती, मल्लसिंदूर 1 रत्ती लेकर सबको एकसार करके मिला लें। फिर इसकी चार बराबर-बराबर पुड़िया बनाएँ। 1-1 पुड़िया 4-4 घंटे पर दें। यह पसली के दर्द (पार्श्वशूल) का सफल अनुभूत नुस्खा है। न्यूमोनिया की अवस्था में यह योग मिश्रण कफ को द्रव करके निकालता है। फेफड़ों की रोगावस्था को मृदु करके खाँसी कम करता है। इससे हृदय की वेदना कम हो जाती है।
---- गेहूं की रोटी को एक तरफ से सेंक ले और दूसरी तरफ से कच्ची ही रखें, फिर कच्चे भाग पर सरसों का गरम तेल मलकर उसे दर्द वाले हिस्से पर बांध दें। दर्द से राहत मिल जाएगी।
---- 10 ग्राम अजवाइन का तेल 10 ग्राम पिपरमेंट और 20 ग्राम कपूर तीनों को मिलाकर एक बोतल में भर दें। दर्द या कमरदर्द या पसलीदर्द, सिरदर्द आदि में तुरंत लाभ होगा |
----- ४०० ग्राम धतूरे के पत्तों का रस, १० ग्राम अफीम और ३ ग्राम सेंधा नमक। इन तीनों चीजों को एक साथ मिलाकर गाढ़ा गाढ़ा कर लें। दिन में तीन चार बार इसकी मालिश करने से दर्द में बहुत आराम मिलता है।
---- कमल ककड़ी के चूर्ण को दूध में उबालकर पीने से भयंकर से भयंकर दर्द में भी आराम मिलता है।
----- सोंठ और गोखरू बराबर मात्रा में लेकर उसका क्वाथ बनाकर सुबह शाम पीने से दर्द में आराम मिलता है।
----- सोंठ व अरंड मूल का क्वाथ बनाकर उसमें पिसी हुई हींग और काला नमक मिलाकर पीने से आराम मिलता है।
----- सौ ग्राम अजवायन का चूर्ण और सौ ग्राम गुड़ एक साथ मिलाकर किसी डिब्बे में रख लें और ५ – ५ ग्राम सुबह शाम खाएं। इससे कमर दर्द में आराम मिलता है तथा दर्द भी दूर हो जाता है।
-----पांच ग्राम खजूर को उबालकर उसमें २ ग्राम मेथी का चूर्ण डालकर रोज पीने से कमर दर्द में राहत मिलती है।
न्यूमोनिया में होने वाले पसली के दर्द में इसे थोड़ा सा लगाकर अच्छी तरह सेंक करें। इससे कैसा भी दर्द हो, तुरंत बंद हो जाता है। इसके अतिरिक्त शरीर के किसी भी अंग में दर्द हो, इसे लगाकर मालिश करने से शीघ्र आराम मिलता है। साधारण दर्द हो तो केवल लगाकर मालिश कर धूप में बैठने से ही आराम मिलता है।
-----गोदंती 10 ग्राम, मेदा लकड़ी 10 ग्राम, और गाय का घी 30 ग्राम लें। पहले दो द्रव्यों को बारीक पीस लें। फिर इन्हें घी में मिलाकर थोड़ा गरम करके पसली पर लगाएँ। इससे पसली के दर्द से राहत मिलती है।
-----सिंगरफ 3 ग्राम, जायफल, लौंग, जावित्री, 6-6 ग्राम, मोम 12 ग्राम और देशी घी 60 ग्राम लें।
पहले सिंगरफ को खूब घोंटें, फिर लौंग, जावित्री, जायफल को महीन पीसकर रख लें। तत्पश्चात् घी गर्म करके उसमें मोम मिला दें। जब दोनों घुल जाएँ तब उतारकर उक्त पिसी हुई औषधियों को डालकर खूब मिला दें। ठंडा होने पर यह वैसलीन के समान मलहम बन जाता है।
बच्चों अथवा बड़ों को तीव्र पसली के दर्द में हल्का गर्म करके लगाने से तुरंत दर्द बंद हो जाता है।
---- चंद्रामृत रस 4 रत्ती, श्रृंग भस्म 1 1/2 रत्ती, नौसादर 1 1/2 रत्ती, मल्लसिंदूर 1 रत्ती लेकर सबको एकसार करके मिला लें। फिर इसकी चार बराबर-बराबर पुड़िया बनाएँ। 1-1 पुड़िया 4-4 घंटे पर दें। यह पसली के दर्द (पार्श्वशूल) का सफल अनुभूत नुस्खा है। न्यूमोनिया की अवस्था में यह योग मिश्रण कफ को द्रव करके निकालता है। फेफड़ों की रोगावस्था को मृदु करके खाँसी कम करता है। इससे हृदय की वेदना कम हो जाती है।
---- गेहूं की रोटी को एक तरफ से सेंक ले और दूसरी तरफ से कच्ची ही रखें, फिर कच्चे भाग पर सरसों का गरम तेल मलकर उसे दर्द वाले हिस्से पर बांध दें। दर्द से राहत मिल जाएगी।
---- 10 ग्राम अजवाइन का तेल 10 ग्राम पिपरमेंट और 20 ग्राम कपूर तीनों को मिलाकर एक बोतल में भर दें। दर्द या कमरदर्द या पसलीदर्द, सिरदर्द आदि में तुरंत लाभ होगा |
----- ४०० ग्राम धतूरे के पत्तों का रस, १० ग्राम अफीम और ३ ग्राम सेंधा नमक। इन तीनों चीजों को एक साथ मिलाकर गाढ़ा गाढ़ा कर लें। दिन में तीन चार बार इसकी मालिश करने से दर्द में बहुत आराम मिलता है।
---- कमल ककड़ी के चूर्ण को दूध में उबालकर पीने से भयंकर से भयंकर दर्द में भी आराम मिलता है।
----- सोंठ और गोखरू बराबर मात्रा में लेकर उसका क्वाथ बनाकर सुबह शाम पीने से दर्द में आराम मिलता है।
----- सोंठ व अरंड मूल का क्वाथ बनाकर उसमें पिसी हुई हींग और काला नमक मिलाकर पीने से आराम मिलता है।
----- सौ ग्राम अजवायन का चूर्ण और सौ ग्राम गुड़ एक साथ मिलाकर किसी डिब्बे में रख लें और ५ – ५ ग्राम सुबह शाम खाएं। इससे कमर दर्द में आराम मिलता है तथा दर्द भी दूर हो जाता है।
-----पांच ग्राम खजूर को उबालकर उसमें २ ग्राम मेथी का चूर्ण डालकर रोज पीने से कमर दर्द में राहत मिलती है।
No comments:
Post a Comment