Thursday, 1 October 2015

योनी रोग और उपचार ::
~~~~~~~~~~~~~~

योनि की सूजन
हम जानते हैं कि सफाई न होना अनेक रोगों का कारण बनता है फिर योनि की सफाई न करने से दुष्प्रभाव होना अवश्यम्भावी ही है ।तो यही सफाई न करना कभी कभी स्त्रियों को भारी पड़ जाता है। वैसे सफाई के अलावा पाचन में गड़वड़ी,मधुमेह या डाईविटीज का होना,योनि में खुजली आदि भी इसके कारणों में से हैं।कभी कभी प्रथम संभोग के कारण से भी यह रोग पैदा हो सकता है किन्तु ऐसा कभी कभी ही होता है लेकिन कभी कभी जब शरीर में रक्त पतला हो जाता है तब भी योनि में सूजन हो सकती है।
इस रोग में योनि द्वार व उसके दोनों ओष्ठों में सूजन हो जाती है।और इस सूजन के कारण योनि के आसपास की त्वचा लाल होकर यहाँ क्षोभ के कारण यहाँ दर्द हो जाता है।और अगर यह सूजन बढ़ जाऐ तो बुखार हो सकता है।तथा सूजन के कारण ही चलने फिरने में भी प्रोब्लम हो सकती है।
रोगोपचार- यह रोग पैदा होता है सफाई न होने से तो पहले नम्बर पर सफाई रखा करें इसके अलाबा इस रोग का कारण है पेट में कब्ज बना रहना तो रोग का इलाज करने से पहले कब्ज का निवारण करें। और पेट साफ होने पर या दवा के साथ ही इस रोग की दवा भी करें।
पोस्त या खसखस के डोडे,सूखी मकोय,व नीम के पत्ते 10-10ग्रा. लेकर सभी को 1 लीटर पानी में उबाल लें और छान लें इसी पानी से रुई लेकर गुन गुना होने पर ही अपनी योनि को सेके इससे योनि की सूजन में निस्चित ही कमी होगी।

योनिगत घाव
शोथ या सूजन युक्त योनि में चलने से रगड़ पैदा होने जाती है फलस्वरुप योनि में घाव पैदा हो जाते हैं।कभी कभी योनि में गर्मी से फुंसियाँ भी पैदा हो जाती हैं तथा कभी कभी सूजन ज्यादा होने पर योनि की इसी सूजन में मवाद पड़ जाता है।और कभी कभी योनि से एक विशेष प्रकार की बदबू पैदा हो जाती है।और इसी के कारण या अन्य गुप्त रोग जैसे उपदंश या सुजाक के कारण भी योनि की त्वचा छिल जाती है औऱ योनि में घाव पैदा हो जाते हैं।
रोगोपचार - सामान्य रोगावस्था में नीम की पत्तियों को उबालकर ही योनि को धो लेने से रोग मुक्ति मिल जाती है।
इसके अलावा यह मलहम घर पर बना लेवे --
50 ग्राम तिल तेल मे10 ग्राम नीम व 10 ग्राम ही मेहंदी के पत्ते अच्छी तरह पकाकर (जब पत्ते जल जाऐं ) तब तेल को छान लेवें और इसी में 10 ग्राम मोम पिघला लें ।इस मिश्रण में अलग से 12 ग्राम कबीला,4 ग्राम मुर्दासंग और काशरी खरल करके मिला लें। मलहम तैयार है।
इस मलहम से अन्दरुनी हिस्सों के सभी घाव भर जाते हैं।

No comments:

Post a Comment