Thursday 15 October 2015

नोनी फल सेहत के लिए फायदेमंद ::
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नोनी फल आम लोगों के लिए जितना गुमनाम है, सेहत के लिए उतना ही फायदेमंद है . जो मधुमेह, अस्थमा, गठिया, दिल के मरीजों सहित कई बीमारियों के इलाज में रामबाण साबित हो रहा है।
यह एक प्रकार का पौधा है, इसे मोरिन्डा सिट्रीफोलिया के नाम से जाना जाता है। इस फल को कई नामों से जाना जाता है, जैसे- हॉग एपल, चीज फल, लेड, दर्द निवारक वृक्ष और भारतीय शहतूत (हिंदी में आच, आक, आल, तमिल में वेन नूना, मलायालम में कट्टपिटलवम, तेलगु में मद्दी, मोलुगु मुलुगु)|
तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, उड़ीसा, आंध्रप्रदेश, गुजरात, अंडमान निकोबार, मध्यप्रदेश आदि में खेती की जाती है |
नोनी पोषक तत्वों से भरपूर एक शक्तिशाली एंटी-ऑक्सिडेंट और कोशिका रक्षक आहार है|
यह पोटेशियम का एक मात्र सोत्र है और इम्यून सिस्टम, संचार प्रणाली, पाचन तंत्र, मेटाबोलिक सिस्टम, टिशूस और कोशिकाओं, त्वचा और बालों को सहायता करता है| यह पूरे परिवार के लिए सुरक्षित है और जवान एवं बुजुर्गों, दोनों के लिए ही लाभदायक है| यह पंचामृत है |
नोनी फल : यह त्वचा के घाव भरने में मदद करता है। यह मुहांसों के उपचार में भी सहायक है।
केंसर और एड्स जैसी भयंकर बीमारी में इस का जूस देने से रहत मिलती है |

नोनी के फायदे-

यह जोड़ों के दर्द, अकड़न, जोड़ों की गतिहीनता की समस्याओ आदि में सहायता करता है|
सांस की बीमारियों से पीड़ित व्यक्तियों को इसके सेवन से अत्यधिक लाभ मिलता है|
मुहांसों, एक्जीमा, सोरियासिस के मामले में सहायता करता है|
ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में सहायता करता है,और मधुमेह में यह कारगार है|
उच्च रक्तचाप और माइग्रेन से पीड़ित व्यक्तियों के लिए लाभदायक है|
गंजेपन और बालों से सम्बंधित समस्याओं की देखभाल करता है|
कब्ज, बदहजमी, दस्त आदि से पीड़ित व्यक्तियों को नोनी के सेवन से रोगों की मुक्ति मिलती है|

नोनी उपयोगी हो सकता है-

गठिया (जोड़ों की जकड़न, अकड़न एवं जोड़ों के स्वास्थ्य में)
दमा (सांस संबंथी समस्याओं में)
त्वचा संबंधी समस्याओं (खाज, मुंहासे, सोरियासिस एवं रोसासिया में)
कैंसर में (इम्यून सिस्टम)
पाचन (कब्ज, परजीवियों एवं दस्त)
दर्द (अनियमित माहवारी)
इम्पोटेंसी इम्यून सिस्टम की विफलता (एड्स एवं वाइरस)
मधुमेह, उच्च रक्तचाप,सरदर्द (माइग्रेन) में
संक्रमण एवं वाइरस (इम्यून सिस्टम)

मात्रा- नोनी ज्यूस 5 से 15 एम.एल. पानी में मिलाकर सुबह-शाम सेवन करे| इसकी गोली और जूस आयुर्वेद शॉप में मिल सकता है |

नोनी जूस का सेवन शीशे के गिलास में ५ से १५ एमएल की मात्रा में लेकर उसमे २० से ६० एमएल हल्का गर्म पानी मिलाकर भोजन से आधा घंटा पूर्व सुबह-शाम करना चाहिए.
--यदि पेट में बहुत ज्यादा गैस बन रही हो तो १५ एमएल नोनी ६० एमएल गर्म पानी में मिलाकर कहीं भी बैठकर चाय की तरह घूंट घूंट करके धीरे धीरे पियें. आपको पांच दस मिनट में ही गैस से आराम मिल जाएगा.
--जीवन में हमेशा इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि पानी, चाय, कॉफ़ी अथवा एलोविरा, आंवला, नोनी या अन्य कोई भी जूस कभी भूल से भी खड़े होकर और एक घूंट में मत पीजिये. जमीन पर अथवा कुर्सी पर बैठकर जो कुछ भी आप चबाकर खाते हैं या घूंट घूँटकर धीरे धीरे पीतें हैं, वो चमत्कारिक रूप से शरीर को बहुत अधिक फायदा करता है.
एक बात का और विशेष ध्यान रखें कि स्टील का गिलास रासायनिक रिएक्शन के कारण एलोविरा, आंवला और नोनी के प्राकृतिक ओषधीय गुणों में कमी लाता है, इसलिए एलोविरा, आंवला और नोनी का जूस पीने के लिए हमेशा शीशे के गिलास का ही प्रयोग करें

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