घुटनों का दर्द /जोड़ो का दर्द दूर करे ::
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घुटना एक कमजोर सायनोवियल जोड़ हैं। यह शरीर का सबसे बड़ा तथा जटिल जोड़ है। इस जोड़ में चार हड्डियां शामिल होती हैं। लगभग 15 मांसपेशियां, 13 वर्सा (गद्दीदार संरचनाएं), कई लिगामेंट, मेनिस्कस आदि भी इस जोड़ से सम्बंधित होती हैं। इन कारणों से घुटने में दर्द के कारण तथा स्थान अलग हो सकते हैं।
इस दर्द से बचाव
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- अपने वजन को उम्र, ऊंचाई एवं शारीरिक बनावट के अनुसार उचित रखना चाहिए। इसके लिए प्रिवेंटिव फिजियोथेरेपी के अन्तर्गत विशेष व्यायाम करना चाहिए।- औसतन 1 से डेढ़ घंटे लगातार खड़े रहने के पश्चात् घुटनों को 5-10 मिनट का आराम देना चाहिए।
- चप्पल, जूते सही आकार-प्रकार के ही प्रयोग में लाना चाहिए।
- खानपान में कैल्शियम से परिपूर्ण आहार लेना चाहिए।
- अपना वजन नियंत्रित रखें क्योंकि ज्यादा वजन से घुटने तथा कूल्हों पर दबाव पड़ता है।
- कसरत तथा जोड़ों को हिलाने से भी आपको मदद मिलेगी।
- सुबह गर्म पानी से नहाएं।
मजबूत हड्डियों के लिए खाने की 10 चीजें
1. कम फैट वाला दूध 2. अंडे 3. पनीर 4. रागी या मड़आ 5. पालक
6. अंजीर 7. अजवाइन के पत्ते 8.मेथी के पत्ते 9.मछली 10. बादाम
1. कम फैट वाला दूध 2. अंडे 3. पनीर 4. रागी या मड़आ 5. पालक
6. अंजीर 7. अजवाइन के पत्ते 8.मेथी के पत्ते 9.मछली 10. बादाम
घर पर लेप बनाये :-
`````````````````````1. हल्दी ..,2.आमहल्दी ..,3.मेंदा लकड़ी ...,4.सोंठ ...,5.थोडा सा खाने वाला चुना (मूंगफली डेन जितना )...,6.शहद ...,7.देशी अंडा 1
1 से 4 तक सभी का पावडर बनाकर आधा आधा चमच लेवे , इसमे शहद 1 चमच तथा अंडा दल कर अच्छीतरह से मिक्स कर पेस्ट बना लेवे |यह पेस्ट/लेप को छुटने पर लगाकर धुप में बैठे , जब लेप सूखने लगे तब उस पर पुरानी रुई लपेट कर उस पर पट्टी कर देवे | फिर दुसरे दिन गर्म पानी से धो लेवे | ऐसा 4-5 लेप करने से दर्द ठीक होगा | ( यह परीक्षित लेप है )
राजस्थान,मध्यप्रदेश एवं आँध्रप्रदेश में "शलाई" के नाम से जाना जानेवाला पौधा अपने सक्रिय तत्व बोस्वेलिक एसिड के कारण पैन किलर में काम आता है (जो चित्र में दिया है )
इसके पत्तो का लेप करने से और ईस पर लगने वाला गोंद जिसे गुग्गल भी बोलते है ,उस से कई तरह की दवा बनाई जाती है |
इसके पत्तो का लेप करने से और ईस पर लगने वाला गोंद जिसे गुग्गल भी बोलते है ,उस से कई तरह की दवा बनाई जाती है |
--अजमोदादी चूर्ण ५ ग्राम तक दिन में ३ बार गर्म पानी से लेवे |
--पंचकोल चूर्ण ५ ग्राम तक दिन में ३ बार गर्म पानी से लेवे |
-- योगराज गुग्गल , लाक्षादी गूगल २-२ गोली दिन में ३ बार लेवे |
--पीड़ान्तक क्वाथ लेवे पतंजली का मिल सकता है |
--प्रतिदिन नारियल की गिरी का सेवन करें
-- मोठ को गर्म मिट्टी में सेक लें। फिर उनको पीसकर छान लें। उस आटे में घी डालकर सेकें। फिर उसमें चीनी की चासनी बनाकर मिलाकर लड्डू बना लें। दो लड्डू एक बार प्रात: भूखे पेट खायें। तेल तेज मसाले, खटाई जब तक लड्डू खायें,तब तक नहीं खायें। दर्द ठीक हो जायेगा। घुटनों में दर्द नया हो या पुराना, मोठ के लड्डू खाने से लाभ होता है।
--पंचकोल चूर्ण ५ ग्राम तक दिन में ३ बार गर्म पानी से लेवे |
-- योगराज गुग्गल , लाक्षादी गूगल २-२ गोली दिन में ३ बार लेवे |
--पीड़ान्तक क्वाथ लेवे पतंजली का मिल सकता है |
--प्रतिदिन नारियल की गिरी का सेवन करें
-- मोठ को गर्म मिट्टी में सेक लें। फिर उनको पीसकर छान लें। उस आटे में घी डालकर सेकें। फिर उसमें चीनी की चासनी बनाकर मिलाकर लड्डू बना लें। दो लड्डू एक बार प्रात: भूखे पेट खायें। तेल तेज मसाले, खटाई जब तक लड्डू खायें,तब तक नहीं खायें। दर्द ठीक हो जायेगा। घुटनों में दर्द नया हो या पुराना, मोठ के लड्डू खाने से लाभ होता है।
--लगातार 20 दिनों तक अखरोट की गिरी 15-20 ग्राम रात में भिंगो कर सुबह खाने से घुटनों का दर्द समाप्त होता है।
--बिना कुछ खाए प्रतिदिन प्रात: एक लहसन कली, दही के साथ दो महीने तक लेने से घुटनों के दर्द में चमत्कारिक लाभ होता है।
--मैथी दाना का महीन चूर्ण एक चम्मच प्रतिदिन पानी से लेने पर घुटनों में दर्द नहीं होता।
--प्रतिदिन छोटे बच्चे घुटनों के बल चलते है वैसे चलने से कभी घुटने ख़राब नहीं होंगे |
भोजन में अंकुरित अनाज एवं दालें, अंकुरित मेथी, कम से कम तीन प्रकार के फल, दो प्रकार की मेवा (सूखे फल), तीन प्रकार की हरी सब्जियां, सलाद (प्रतिदिन कम से कम 600 ग्राम) और 10 से 12 गिलास शीतल जल लें।
धूम्रपान, मदिरा, मांस-मछली, अंडा कभी न खाएं। तले हुए मैदायुक्त भोजन से परहेज करें। सप्ताह में एक से दो दिन उपवास अवश्य रखें।
जिन लोगों को दवाओं के कारण आमाशय में अम्लउत्पन्न हो जाता है या फिर पेप्टिक अल्सर रोग से ग्रस्त हैं वे विजयसार की लकड़ी का बुरादा तथा अर्जुन की छाल की चाय का सेवन साधारण चाय के स्थान पर करें। ऐसा करने पर दर्द निवारक दवाओं की जरूरत कम होगी या पड़ेगी ही नहीं।
जौ के जवारे/गेहूं के जवारे प्रतिदिन 3 से 4 औंस (100 ग्राम) अवश्य लें।
जिन लोगों को गठिया की वजह से इतना दर्द रहता है कि रोजमर्रा का काम दूभर हो गया हो और हड्डी रोग विशेषज्ञ ने घुटने के जोड़ को ही बदलने की सलाह दे दी हो तब शल्य चिकित्सा करवाने से पहले निम्न आजमाकर देखें---
भोजन में बकरी का दूध, मौसम के अनुसार फल, हरी सब्जी में लौकी, तौरई, टिंडा तथा रामदाना/चैलाई का साग, सूखे मेवों में अखरोट की गिरी प्रतिदिन 30 ग्राम तक तथा 10 ग्राम तक अलसी के बीज खाएं। जौ/गेहूं के जवारे चबा कर खाएं।
अगर दांत ठीक न हों तो इनका रस निकालकर पिएं।
धूम्रपान, मदिरा, मांस-मछली, अंडा कभी न खाएं। तले हुए मैदायुक्त भोजन से परहेज करें। सप्ताह में एक से दो दिन उपवास अवश्य रखें।
जिन लोगों को दवाओं के कारण आमाशय में अम्लउत्पन्न हो जाता है या फिर पेप्टिक अल्सर रोग से ग्रस्त हैं वे विजयसार की लकड़ी का बुरादा तथा अर्जुन की छाल की चाय का सेवन साधारण चाय के स्थान पर करें। ऐसा करने पर दर्द निवारक दवाओं की जरूरत कम होगी या पड़ेगी ही नहीं।
जौ के जवारे/गेहूं के जवारे प्रतिदिन 3 से 4 औंस (100 ग्राम) अवश्य लें।
जिन लोगों को गठिया की वजह से इतना दर्द रहता है कि रोजमर्रा का काम दूभर हो गया हो और हड्डी रोग विशेषज्ञ ने घुटने के जोड़ को ही बदलने की सलाह दे दी हो तब शल्य चिकित्सा करवाने से पहले निम्न आजमाकर देखें---
भोजन में बकरी का दूध, मौसम के अनुसार फल, हरी सब्जी में लौकी, तौरई, टिंडा तथा रामदाना/चैलाई का साग, सूखे मेवों में अखरोट की गिरी प्रतिदिन 30 ग्राम तक तथा 10 ग्राम तक अलसी के बीज खाएं। जौ/गेहूं के जवारे चबा कर खाएं।
अगर दांत ठीक न हों तो इनका रस निकालकर पिएं।
सावधानी बरतें: आलू, टमाटर, बैंगन, हरी मिर्च, लाल मिर्च, शिमला मिर्च,रसभरी कभी न खाएं।
सूजन — गोबर के छाने या उपले जलाकर इनकी राख सूजन वाली जगह बाँधने से पानी सोखने से लाभ होता है। सूजन कम होती है। शरीर की सूजन के साथ पेशाब कम आता हो, एल्ब्यूमिन मूत्र में जाता हो, यकृत बढ़ गया हो, मन्दाग्नि हो, नेत्रों के आस पास और चेहरे पर विशेष रूप से सूजन हो तो नित्य पके हुए अनन्नास खायें और केवल दूध पर रहें। तीन सप्ताह में लाभ हो जाएगा। एक गिलास गर्म दूध में स्वाद के अनुसार पिसी हुई मिश्री, एक चम्मच हल्दी दोनों मिलाकर घोलकर नित्य पिएं। यह सूजन में लाभदायक है। सारे शरीर हाथ—पैर सूज गये हों तो इससे लाभ होता है। यह कुछ सप्ताह नित्य पियें। चौथाई चम्मच पिसी हुई हल्दी नित्य पानी से फंकी लेते रहने से सूजन मिट जाती है। गर्म—ठंडे पानी के पर्यायक्रम से सेंक करने से सूजन में लाभ होता है। पहले तीन मिनट गर्म पानी से सेक करें, फिर एक मिनट ठंडे पानी से सेक करें।
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