Sunday 12 June 2016



कायाकल्प लड्डू घर पर बनाये ::
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ये लड्डू खाने से
1. शरीर के किसी कोने में कोई छोटी से छोटी बीमारी को भी यह ख़त्म करने में सक्षम है ,
२. अतिसारप्रमेह ,कोढ़ ,वीर्यका नष्ट होना ,नारियों के बाँझपन जैसी लाईलाज बीमारियों को भी इस लड्डू से डर लगता है । 
३. प्रतिरोधक क्षमता ,याददाश्त ,हड्डियों की मजबूती ,आंखों की रोशनी बढ़ती है ।
४. खून पूरी तरह शुद्ध हो जाता हैमनोविकार ख़त्म हो जाते हैं ।
५. शरीर की त्वचा कोमल और स्निग्ध हो जाती है ,चेहरे पर ताजगी आ जाती है , बलमें वृद्धी होती है ,आदि-इत्यादि । अनगिनत फायदे हैं इसके ....

सामग्री::
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1. शुद्ध अभ्रक भस्म , मुलेठी ,सौंफ ,तालीस पत्र , अनंतमूल, फूल प्रियंगु , सुगंधवाला ,सेमल की मूळ , पिंड खजूरविदारी कंद ,कृष्णपरनी की जड़ , पद्माख ,ताल्माखाने ,मेथी ,फालसे ,लाल चंदन काली मिर्च ,तिल ,काकर सिंगीधूप्तारल ,कपूर , सोंठ ,देवदारु ,अजवाईन ,सोया बीज , कौंच बीज ,बेल गिरी ,काकोली,छील-काकोली ,सेंधा नमकभांगरा ,जीरा ,काला जीरा , धनिया , गांठ फल , बाल छड़ ,सतावर , कूट , बंशलोचन ,ताख ,लौंग चिरिती ,तंत्रीचन्य,ताड़ के अंकुर , सुहागा , शालपर्णी , गूख्रू , चीता , कुंदरू , मुरामासी , पुनर्नवा, भांग काचूर्ण,,अश्वगंधा , मोचरस , गज पीपल,कायफल , ताड़ का मस्तक , तेजपात , इलायची , दालचीनी ,मूसली, नागरमोथा , त्रिफला , त्रिकुटा ये सभी ५०-५० ग्राम लेवे|
२. नागकेसरसफ़ेद मुसली , जायफल , जावित्री, बंग भस्म और लौह भस्म ये सभी २५ग्राम लीजिये .
३. १७०० ग्राम घी लेवे उसमें भांग काचूर्ण पहले भुन लीजिये |
४. उरद और मुंगदाल का आटा एक किलो..
घी में उरद मुंग आटे को भुन लेवे |
फिर इस सारे चूर्ण को २  किलो मिश्री में मिलाये और पानी के साथ पकाएं ,पकने के बाद ठंडा कर लें ,फ़िरघी की सहायता से इसके २५० लड्डू बना लें |
सुबह शाम एक एक लड्डू खाकर दूध पिलेवे|

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